क्या शनि
क्रूर ग्रह है ?
ज्योतिष् के अनुसार
ग्रहों को स्वाभाव
के आधार पर
दो वर्गो में
बाँटा गया है-
सौम्य ग्रह और
क्रूर ग्रह| क्रूर
ग्रह वह है
जो आपको हानि
पहुँचाए, जिसमें शनि को
भी रखा गया
है| इस भ्रम
को फैलने में
ज्योतिष् से ज़्यादा
हाथ उन ज्योतिषियों
का है जो
बिना दिमाग़ लगाए
किताब पढ़कर अपनी
दुकान चला रहे
हैं|
अगर आप
किसी परेशानिवश अपनी
कुंडली लेकर किसी
ज्योतिष् के पास
पहुँच गये और पहली
नज़र में उनको
आपकी कुंडली में
शनि कि साढ़ेशाती
या ढेया दिख
गया, समझ लीजिए
आपकी जेब हल्की
और उनकी जेब
भारी होने वाली
है|
अब पहले
यह समझिए शनि
कि साढ़ेशाती और
ढेया क्या है
? शनि को सूर्य
का पूरा एक
चक्कर लगाने में
पूरे ३० वर्ष
लगते हैं| इस
दरम्यान वह बारह
राशि से गुजड़ता
है| यानी एक
राशि में ३०/१२ यानी
ढाई वर्ष व्यतीत
करता है |
आपकी कुंडली
में चंद्र जिस
राशि में है
उससे पहले के
राशि में शनि
भ्रमण करते हु
ए जैसे हि
पहुँचा आपको साढ़ेशाती
शुरु| इसको एक
उदाहरण से समझे
| मान लीजिए आपकी
कुंडली में चंद्र
ग्रह कन्या राशी
में है, अब
शनि भ्रमण करते
हुए एक राशि
पहले सिंह राशि में
पहुँचेगा और कन्या
को होते हुए
एक राशि आगे
तुला को पार
करेगा, यह जो
साढ़े सात वर्ष
का समय है
वह आपके
लिए शनि की
साढ़ेशाती है|
अब शनि
कि ढेया को
समझिए - चंद्र राशि से
चौथे और आठवें
राशि में यानी
आपके कुंडली के
हिसाब से कन्या
राशि से चौथे
राशि यानि .घनु
एवं आठवें यानि वृष
राशि में भ्रमण
करेगा, यह ढाई
जमा ढाई यानी
पाँच वर्ष शनि
का ढेया हुआ|
अगर हम इन दोनों को जोड़े और अन्य ग्रह जैसे राहु, केतु, मंगल आदि ग्रहों से प्रभावित समय को जोड़े तो हमारी जिंदगी का आधा से ज़्यादा हिस्सा कष्ट और परेसांी में बीतनी चाहिए| मेरे हिसाब से ऐसा बिल्कुल नहीं हैं|
अगर हम इन दोनों को जोड़े और अन्य ग्रह जैसे राहु, केतु, मंगल आदि ग्रहों से प्रभावित समय को जोड़े तो हमारी जिंदगी का आधा से ज़्यादा हिस्सा कष्ट और परेसांी में बीतनी चाहिए| मेरे हिसाब से ऐसा बिल्कुल नहीं हैं|
अब इसको
दूसरे तरीके से
समझते है| साढ़ेसाती
और ढेया मिलाके
शनि एकसाथ पाँच
राशि के लोगों
को प्रभावित करता
है| इसके अलावा
राहु, केतू, मंगल
आदी ग्रह अन्य
राशियों को प्रभावित
करते हैं सो
अलग| इस हिसाब
से अगर इन
तथाकथित ज्योतिषियों कि बात
मान ली जाय
तो दुनिया
में आधी से
ज़्यादा आबादी कष्ट और
परेशानी में होना
चाहिए| अब आप
खुद सोचिए शनि
के बारे में
फैलाया गया यह
भ्रम कितना सही
है|
निष्कर्ष- केवल ढेया
अथवा साढ़ेसाती होने
से शनि अशुभ
करेगा कहना ग़लत
है| अगर कुंडली
में शनि का
स्थान अच्छा है
और अन्य ग्रहों
से शनि कि
दृष्टी अच्छी है तो
ढेया और साढ़ेसाती
आपके लिए शुभ
फलदायक होगा, लेकिन ऐसा
ये तथाकथित ज्योतिष्
लोग नहीं बताते
क्युकि इसके बाद
इनको करने के
लिए कुछ बचता
नही हैं| शनिदेव
भगवान शंकर कि
तरह फल देने
वाले है| डर
छोड़कर एकबार उपासना करके
देखिए, सफलता निश्चित है|
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